FASCINATION ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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इस तरह की साधना भी वही काम करती है. ये साधक में एक आकर्षण या फिर चुम्बकीय प्रभाव पैदा करती है जिसकी वजह से कोई भी उनके आकर्षण से बच नहीं पाता है.

ये एक आसान सर्वजन वशीकरण मंत्र साधना है जिसके प्रयोग से आप सामने वाले को अपने आकर्षण में ला सकते है.

यंत्र को बनाने का तरीका और इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजे इसके महत्त्व को बढ़ा देती है.

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥

वशीकरण को आध्यात्मिक प्रक्रिया माना जाता है, लेकिन इसका मनोवैज्ञानिक पहलू भी है। यह व्यक्ति के अवचेतन मन को सकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित करता है, जिससे उनके विचार और भावनाएं बदलती हैं।

ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यश्च मम सुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)

ध्यान और शुद्धि: मंत्र का उच्चारण करने से पहले, आपको मन को शांत करना चाहिए। ध्यान या मेधावी आवस्था में प्रवेश करने के लिए ध्यान करें। अपने शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए स्नान और पवित्रता का अनुसरण करें।

इन्हें धारण करने से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

सही मंत्र: उद्देश्य के अनुसार विशिष्ट मंत्रों का चयन किया जाता है।

इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में सवा लाख जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय फूल को एक सौ आठ बार अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री के सिर पर डाला जायेगा, वह साधक पर पूरी तरह से मोहित हो जाती है। अमुकीं के स्थान पर साध्य स्त्री का नाम लें।

वशीकरण मंत्र और इसके प्रभाव के बारे में विज्ञानी और आध्यात्मिक दो अलग-अलग मत हैं। विज्ञान के माध्यम से इसका समाधान अभी तक नहीं मिला है। वहीं, आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इन मंत्रों का प्रभाव सत्य माना जाता है।

इस पुस्तक में आठ सिद्धियां दी गई हैं जिनको कि विधिपूर्वक करने से मनुष्य अवश्य सफल होता है। वह सिद्धियां इस प्रकार हैं। (१) वशीकरण विद्या (२) आकर्षण विद्या (३) अष्टसिद्धि (४) कायाकल्प विद्या (५) यक्षणी साधन वशीकरण मंत्र किसे चाहिए (६) भूत विद्या (७) ओझा विद्या (८) यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र विद्या । वह विद्या ऐसी हैं यदि विधिपूर्वक की जायं तो पूरा २ अब भी असर करती हैं। लेकिन सिद्धि कार्य कर्त्ता पर निर्भर है।

चन्दन, केसर, कस्तूरी, गोरोचन और कपूर का मिश्रण कर गुलाब जल या फिर गंगा जल में मिलाकर घोटे.

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